ताऊ टुब बेल पार्टी कि तेयारी में लग रहया सै, इधर इलेक्शन भी चल रहया सै, चारुं तरफ का काम बढ़ गया सै, आप सोच रहे होगे के फौजी ताऊ मनफूल सिंग कहाँ गायब हो गया, भाई इलेकशण का काम सै. थोडा इंतजार करो,मन्ने यो कविताई लिखी सै आपके लिए,यो टीवी पे जिस तरियां दिखाया करते ना वो ही सै,"रूकावट के लिए खेद है"। आपके समझ में आ जा तो बढ़िया बात सै, और ना आवे तो धैर्य ना खोके उत्साह बढ़ाना।आपने ताऊ की राम-राम,कविताई का आनंद लो ,
ताऊ बोल्या मै पूछूं था
बता तू अकल बड़ी के भैंस........................
मास्टर जी ने सवाल लगाया के बतावे सुरेश
भैंस में तै पाड़ी घटाई,झोट्टा रह गया शेष
बता तू अकल बड़ी के भैंस..........................
जाडा घणा पड़े था भाई, खूब लगाई रेस
पहले तो कम्बल ओढ़या, उस पे डाला खेस
बता तू अकल बड़ी के भैंस..........................
राधे नै कुत्ते के पिल्लै पकड़े, उसके मुंडे केश
बिना उस्तरे नाइ मुंड गया ताऊ पे चल्या केश
बता तू अकल बड़ी के भैंस............................
बिना चक्के की गाड्डी चाली रेल उडी परदेश
गार्ड बेचारा खड़ा रह गया देखे बाट नरेश
बता तू अकल बड़ी के भैंस............................
एक पेड़ पे चालीस चिडिया तभी घटना घटी विशेष
शिकारी की एक गोली चाली बच गई कितनी शेष
बता तू अकल बड़ी के भैंस.................................
आपका
रमलू लुहार