रविवार, 27 सितंबर 2009

जब मै पर्चा दाखिल कर रह्या सूं,तो इलेक्शन तो लडूंगा ही-फौजी ताऊ मनफूल सिंग

रमलू लुहार आज सारे काम जल्दी-जल्दी निपटाने लग रहा था,क्योंकि आज ताऊ को पर्चा भरना है,५ दिन से तैयारी चल रही थी,इलेक्शन में खडा होना कोई मामूली बात तो नहीं है, दो दिन तक तो पावला जी का जनम दिन मनाया कैंटीन की असली दारू थी, बूढों को जयादा चढ़ गई, रामेसर और बनवारी तो दो दिन खाट से ही नहीं उठे, बनवारी के दस्त लग गे,उसके दारू गर्मी कर गयी, इब कर गई तो कर गई, सारे के सारे ही बडे से बड़े उत सै,ताऊ तो पहले ही कह रहा था के कम चढाओ पण मान्य ही कोई नहीं, वो कह्या करे ना "चाहे जूते पडो हजार तमाशा घुस के देखेंगे" यो ही हाल इन बूढों का सै,इब इसमें फंस गया रमलू पूरी तैयारी रमलू नै ही करनी पड़ी,हरियाणे का इलेक्शन सै,वो भी गुडगावं विधान सभा सीट का बड़ा मुस्किल काम सै,एक ते एक पैसे वाले लोगो को पार्टियों अपने टिकट दिए हैं,यो अपनी सहारा पार्टी तो गरीबों की पार्टी सै,धन बल का मुकाबला जन बल ते ही हो सके है, तो ताऊ नै अपणे सारे सगे सम्बन्धी-रिश्तेदार-यार-मित्तर नै कह दिया के,कल पर्चा भरण जाणा सै,अपनी अपनी सवारी लेके आ जाईयो, सूबे ते ही सारे आण लग रहे सै, गावं की सीमा में ताऊ नै पूरी छोलों की बेवस्था करवा दी है, गोवर्धन हलवाई नै बैठा दिया,सबको खिलाओ,कोई भूखा नहीं जाणा चाहिए,फालतू कोई खाली पेट चक्कर खा के पडेगा ओर बदनामी ताऊ की होगी, रमलू नै सारा इंतजाम कर लिया पहले ते ही,वो गुरु सुलेमान के अखाडे के ४० पहलवान किराये में कर के आ गया था वो पहुच गए,अखाडे के पहलवानों की सेवा म्हारे यहाँ सारी पार्टियाँ लेती है,कईयों के तो खुद के ही अखाडे है,गाम के छोरे घर ते दूध पी के आ यही जोर लगते है, ३ ट्रेक्टर कर दिए, साउंड सिस्टम लगा दिया, बेनर ओर पोस्टर परमानन्द जी ने भिजवा दिए ओर दारू अपणे कोटे की ताऊ केंटिन ते लेके ही आ गया था, हरियाणे में फोजियों की नफरी ज्यादा है, हर गांव में ५० तो रिटायर फोजी मिल ही जायेंगे,ताऊ नै रिटायर फोजियों की एसोसिअशन से भी कह दिया था पूरी एसोसिएसन ताऊ के समर्थन में है,फोजियों की समस्या है,अगर एक फौजी विधायक बन जायेगा तो चलो अपना फौजी तो सै कुछ तो काम करेगा, यो कह के सारे फौजी भी अपणे साथ सै, ताई नै भी अपनी सारी भायली एकठी कर रखी है,सूबे ते ही घाघरी गोटेदार चमकाए कड़ी है, पूछ रही सै बर-बर में कब चालना सै? ताऊ भी अपनी डरेश लगा के तैयार सै, सर पे पगड़ी फौजी बुसशर्ट और निचे पतलून एक दम नोसे (दूल्हा) सा लग रह्या सै, रमलू नै पर्चा तैयार कर राख्या सै, ताऊ ने यो मिनी सचिवालय में जा के भरना सै, अरे चालो रे !!!!!!!! चालो टैम हो लिया इब चाल भी पडो फेर टैम निकल जायेगा, बनवारी नै जोर लगाया, रामेषर बोल्या - अरे धीरे जोर सुसरे कल तो तेरे दस्त लाग रहे थे, कड़े धोती ही ख़राब करेगा, बनवारी चुप हो गया, रामेषर नै तो साले नै मुफ्त की चौधर चाहिए,खुद तो कुछ करेगा नहीं और दुसरे नै भी नहीं करण देगा,शुम्भु बोल्या, चालो -चालो टैम मत ना लगाओ ताऊ बोल्या,
इब ताऊ का लश्कर निकल पड़या पर्चा दाखिल करण के लिए,भाई रेली की शान देखते ही बणे थी,सबते आगे ताऊ और ताई ट्रेक्टर के अंजन पे बैठे थे नोटों की माला डाल रखी थी, रमलू ट्रेक्टर चलावे था,४० पहलवान ट्रेक्टर के चारों तरफ मोटर सायकिलों पे पीछे ट्रेक्टर,जिप ,ऊंट गाड़ी, जुगाड़ सारी सवारी ही चल रही थी,अपणे ताऊ का टौर ही कुछ ओर सै, ताऊ की रेली में किसान जवान मजदूर रिटायर फौजी सारे ही आ लिए, आगे -आगे "खड़ी चोट बेन्ड पार्टी" का बेन्ड बाजण लगा रह्या है, छोरे भी अपना डी.जे. लेके आ गये,"गाना बजा राख्या है दीवाना राधे का" जोर दार डांस हो रहया है, ताऊ की चारों तरफ रोनक -रोनक, सहर के सरे नागरिकों से ताऊ हाथ जोड़ के राम-राम कर रह्या सै,ताई भी घूँघट में से हाथ निकल के हिला रही सै जणू इब्बे इटली ते ही आई सै, ताऊ का जलुश मिनी सचिवालय पहुँच गया, सिर्फ १० आदमियों ने ही फार्म भरण वाली जगह में जाणे की इजाजत सै,अपणे परधान परमानन्द जी पहले ही पहुच गए थे, ताऊ को फारम भरवाना था, निर्वाचन अधिकारी के सामने ताऊ नै पर्चे पे दस्खत करे, अधिकारी ने पूछ्या-ताऊ इलेक्शन लड़ रहे हो, म्हारे ताऊ का भी दिमाग घूम गया वो बोल्या-"जब मै पर्चा दाखिल कर रह्या सूं,तो इलेक्शन तो लडूंगा ही,नहीं तो या सारी बारात तेरी भुवा नै ब्याहण नै ले के आया सूं," वो बेचारा जवाब सुण के चुप हो गया, ताऊ का पर्चा दाखिल हो गया, बड़ी धूम-धाम सै,सारे पतरकार ताऊ के पीछे कैमरे लेके पड़ गए,बोल्ले ताऊ एकाध बाईट तो दे दे, ताऊ बोल्या " बाईट यूँ सड़क पे नहीं मिल्या करती" कल सारे म्हारे चौपाल पे आओ तो वही पतरकार सम्मलेन होगा खुली चौपाल में," आपको मेरा न्योता है, खाने पीने का पूरा इंतजाम रहेगा,यो कह के ताऊ नै सबसे बिदा ली ओर आगली तैयारी के लिए अपनी मण्डली को लेके गावं नै चल दिए.

मित्रों ताऊ की चौपाल में कल पतरकार वार्ता है, ताऊ रिटायर फौजी हवालदार मनफूल सिंग की आपने भी आना है, सबने ताऊ का निमंत्रण सै,जिसने ताऊ कहनी भूल गए उसने मै कह रह्या सूं,जरुर -जरुर आणा,



आपका 
रमलू लुहार 


(फोटो गूगल से साभार)

 

फ़ौजी ताऊ की फ़ौज