रविवार, 20 सितंबर 2009

रिटायर फौजी ताऊ मनफूल सिंग की आप सब को ईद मुबारक

ताऊ नै रमलू ते पूछ्या-रमलू चाँद दिख गया
रमलू बोल्या-ताऊ चाँद तो मै देखता ही रहूँ सूं
ताऊ -अरे बावला आज के चाँद की बात करू सूं
रमलू-आज के चाँद की के बात सै,
ताऊ - अरे तेरे समझ में नहीं आया मै ईद के चाँद की बार करू सूं
रमलू- ओहो ताऊ इब समझ मै आई दिख गया कल ईद सै,कल ईद मनावेंगे जोर दार चलो सबने ईद की बधाई दे दे
आप सबने रमलू ओर  फौजी ताऊ मनफूल सिंग की तरफ से हार्दिक बधाई, हम सब तहे दिल से आपको ईद की मुबारकबाद देते हैं और मासूम अली रज़ा भाई के यंहा ईद की दावत में जायेंगे,
एक बार फिर से सबको ईद मुबारक  

फौजी ताऊ मनफूल सिंग का सिलेक्शन,ताऊ लडेगा इब हरियाणे इलेक्शन


आप सब ने रमलू की राम-राम ,
आज ताऊ की चौपाल साँझ नै फेर जम गयी आज ताऊ तो घर पे ही मोजूद था,दो दिन की गैरहाजिरी ताऊ की हमने लगा रक्खी थी,
शिम्भू नै पूछा-ताऊ आप कहाँ चले गए थे, पुरे दो दिन गायब थे,
ताऊ बोल्या-भाई शिम्भू बात यूँ हैं के वो अपना सै न गुडगांव आला परमानद जांगडा,उसने भाई नई पार्टी बनाई सै,इब इलेक्शन आरे सें न,उसने बुलाया था,पूछे था,के इलेक्शन लड़ना हैं के?
फेर आपने के कह्या? रामेषर बोल्या ,
ताऊ बोल्या-भाई बात यो हैं के पहले तो मेरे मन में इलेक्शन लड़ने की की कोई बात नहीं थी,पण परमानन्द का ब्योहार,काबिलियत पार्टी के उद्देश्य भी मेरे बिचारों से मिलते हैं, और गरीबों की बात भी समझे सै यो समझ के मन्ने इलेक्शन लड़ने का मन बना लिया,
पण ताऊ यो तो बता पार्टी का नाम के सै.-बनवारी बोल्या
ताऊ-भाई पार्टी का नाम से रास्ट्रीय सहारा पार्टी
सुखराम बोल्या-घणा सुथरा नाम सै ताऊ ,गरीबों ,मजदूरों,कामगारों,किसानो नै सहारा तो चाहिए,और या पार्टी एक दिन जरुर सहारा बनेगी,ताऊ यो तू  पहली बर कोई दिमाग आला काम करके आया सै,
ताऊ भोत बढ़िया सोच्या, हमने एक दिन यो भी काम करना था, यो तो आप शास्त्री जी के सपने नै साकार कर रहे सो, आप म्हारे हिंदुस्तान मै पहले आदमी होगे जो एक साथ किसान+जवान+नेता का रोल करोगे, वाह-वाह मौज होयगी,फेर ताऊ हमने के करना पडेगा, रमलू बोल्या
ताऊ बोल्या -रमलू इस इलेक्शन की पूरी जिम्मेदारी लिखा पढ़ी की तन्ने ही संभालनी पड़ेगी ,आज कल चुनाव लड़ना कोई बच्चों का खेल कोणी,कोई पहले की तरह कोणी के फारम भराया ओर खड़े होगे,आज कल तो चुनाव आयोग बहुत कड़े रूल निकल दिए ,मुतन का भी हिसाब देना पडेगा,
बनवारी बोल्या-नु हो गया ताऊ ,हमने तो पता  ही न था,
ताऊ बोल्या -भईयों पार्टी नै मेरी टिकट भी डिक्लेर कर दी सै ,काल के अखबारां में आज्या गा, पण तैयार इब ते ही करनी पड़ेगी,
सारे एक सूर में बोले-हम तैयार हैं ताऊ ,तू जो कहेगा सब हाजिर सै,तू हुकुम कर ,तेरे समर्थम में पूरा गाम खडा सै,हम अपने गम की इज्जत ख़राब थोड़े होने देंगे,जी जान लगा देंगे,यो समझ ले एक कुरुक्षेत्र की लडाई ओर लड़ ली
ताऊ भी राजी हो गया के अपने सारे साथी तैयार सै,
ताऊ बोल्या-तो थम सुन लो,परसुं फारम भरना हैं उसकी तयारी करनी पड़ेगी,
रामेषर बोल्या-ताऊ तन्ने ताई ते पूछ ली इलेक्शन लड़ने की ,मंजूरी ले ली, नहीं तो फेर झाडू ले के मिनी सचिवालय में तेरा जुलुस काढेगी,तेरी तो आरती होगी ओर थोडा भोत प्रसाद हमने भी दिल्वावेगा .
ताऊ बोल्या -रे मन्ने उस ते पूछ लिया से ,उसकी मंजूरी हो गयी सै, जब ही मन्ने थम ते कह्या सै, वो तो अपनी पूरी महिला मण्डली ले के तैयार सै,उसकी राधा स्वामी भजन मण्डली अपने इब कामआवेगी,
शिम्भी बोल्या- तो ताऊ फेर इलेक्शन की तयारी चालू करते हैं, अभी से,
अभी सै ,बावली बूच अभी से किस तरह चालू करेगा ,इसके लिए अपने आदमियों की मीटिंग बुला के पूरी पलानिग करनी पड़ेगी, रमलू नै सलाह दी
शिम्भू बोल्या-अरे रमलू मै नु कहे था के एक-एक- घूंट मार  लेते तो तयारी चालू हो जाती, भाई बिना दवा-
दारु के किसा इलेक्शन,
अरे शर्म कर रे बूढे,गांव बस्या ही नहीं डकैत पहले ही आ गए, रामेषर बोल्या,
ताऊ सबकी बात सुणे था चुपचाप,पुराना फौजी आदमी,नियत डोल ही गयी
ताऊ बोल्या-चालो यार इलेक्शन तो लड़ना ही सै, शिम्भू भी अपना ही आदमी सै, उसका मन मै नहीं मार सकता चालो एक-एक क्यूँ  दो-दो घूंट हो जाये, पर कल सबेरे बैठ के सारा प्रोगराम तय करना सै,ओर शाम नै यहीं पे आके पूरी तयारी का जायजा लेना सै,कड़े कोई कमी रह जाये उसने भी पूरी करनी सै,
चलो रे भाई ठेके पे ,थारी ताई नै बस पता नहीं चलना चाहिए,बाकी सब ठीक सै,
नु कहके सारे इलेक्शन की तयारी करने चल पड़े,

आपका
रमलू लुहार

(फोटो गूगल से साभार)

 

फ़ौजी ताऊ की फ़ौज