शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2009

लुटेरों के चंगुल में मत फंस जाणा ओर अपने ताऊ को ही वोट देना-उड़न तश्तरी -फौजी ताऊ की सभा में

खुशखबरी-खुशखबरी-बनवारी मंच ते माइक में बोलणे लग रह्या सै-जो उड़न तश्तरी आज म्हारे बीच में आण वाली सै वो गुडगाँव इंटर नेशनल हवाई अड्डे तक पहुच गई सै, तम शांति ते बैठो, आज अपने समीर लाल जी की आम सभा सै, गाँधी जी ओर लाल बहादुर शास्त्री दोनों का जनम दिन सै बहोत ही सुथरा दिन सै,गाँधी जी देश को आजाद कराया अंग्रेजों को भगाया ओर शास्त्री जी नै पाकिस्तान का बैंड बजाया,दोनों महापुरुषों का हम आदर करे सै-बनवारी का भाषण चाल रहया सै,मै आपने जरा पब्लिक के तरफ ले चलूँ, पब्लिक एक दम खचा-खच भारी सै ,सकुल के मैदान में चारों तरफ लाइट ही लाइट जग मग करण लग रही सै,ताऊ के छोरों नै भी जोरदार इंतजाम कर दिया,इब तो ओर कोई नहीं कह सके के म्हारे गाम के छोरे नालायक सै, सारे कार्यकर्ता बिल्ला लगाये पब्लिक नै सँभालने लग रहे सै,ताऊ नै पूरी छोले -चाय-पकोडे की स्टाल सकुल कने मंदर आले पीपल के नीचे लगवा दी,पाणी के टैंकर खड़े कर दिए और पब्लिक चाय नसते का मजा ले रही सै, गांव की बूढी लुगाइयां अपने पीढे घर से ला के सजा के बैठी सै, संतरा ताई नै बोल्ली-ऍ जी यो उड़न तश्तरी किसी हो सै,ताई बोल्ली-ये बीरा मन्ने के पता ये छोरे कह रहे थे भोत बड़ी हो सै ओर नु घुमती आवे सै, पहले आसमान मै गोल-गोल चक्कर कटेगी फेर सकुल के मैदान  मै उतरेगी, चन्द्कोर बोल्ली-ताई कदे वो तो नहीं सै जो कई साल पहले उतरया था,के बोल्ले थे "सकाईलेब", ना-ना वो कोणी, तन्ने ताऊ इतना बावला लगे सै?वो तो सारे काम सोच समझ के करे सै,यो के हुयी कदे दो चार घूंट लगा ले आखर फौजी जो सै, यो चर्चा ओरतों के बीच में चल रही सै, सब अपने -अपने तरीके सै उड़न तश्तरी के बारे में अंदाजा लगा रहे सै, के कैसी होगी,?इधर ताऊ,रमलू,परमानद जी ओर भी घणे सारे लोग हवाई अड्डे पहुचगे उड़न तस्तरी का सवागत करण खातिर,हवाई अड्डे पर समीर लाल जी पहुचे तो सबने उनका स्वागत किया,ताऊ नै भी अपना आशीर्वाद दिया ओर बोल्या-भाई तुने तो बहुत बढ़िया काम कर दिया जो आ गया,सारे हवाई अड्डे से गाम में सभा स्थल पे पहुचे बनवारी का भाषण चालू  ही था, सबने समीर लाल उर्फ़ उड़न तश्तरी का सुवागत किया, रमलू मंच का संचालन करने लगा-भाइयों ओर बहनों मेरे बुजुर्गों बाहर गाम ते आये हुए साथियों इब म्हारे बीच कनाडा से भाई समीर लाल जी आ चुके सै, लोग इनने ही उड़न तश्तरी के नाम ते जाने सै,इब मै आप लोगो का टैम ख़राब ना करके सीधा माइक समीर लाल जी ने  सौंपता हूँ, फार्मेलिटी में ज्यादा टैम ख़राब होता है, आप इनने ही सुनो, यो बोल  के रमलू नै माइक समीर लाल के हाथ  में सौंप दिया,
समीर लाल नै बोलना चालू करया- मेरे भाईयों ओर बहनों ताऊ-ताई,रमलू, परमानन्द जी ओर गाम के लोगो मै भी आपके बीच का ही छोरा सूं ,देश ते बाहर काम करण चला गया ओर उत ही बस गया,मै तो आप लोगो ते मिलने के लिए आया सूं, ताऊ का इलेक्शन तो एक बहाना सै,ताऊ जी इलेक्शन में खडे हुए बड़ी अच्छी बात है,आज देश नै ऐसा नेता चाहिए जो सच्चा हो इमानदार हो गरीब आदमी की मज़बूरी ओर उसकी भूख नै समझ सके,जो कारीगर की दुःख तकलीफ नै समझ सके, आज म्हारे देश के दो महापुरुषों का जनम दिन है,एक तो बापू,दूसरा शास्त्री जी,दोनों ही ईमानदारी ओर देश भक्ति की एक बहुत बडी मिशाल थे,दोनों ने ही अपना जीवन सादगी के साथ बिताया,गाँधी जी नै तो भारतवासियों का दर्द ओर गरीबी को महसूस करने के लिए लंगोटी ही पहननी चालू कर दी थी, ओर वे कहते थे की भारत की आत्मा तो गावं में ही बसती है,गावं का विकास होगा तो सारे देश का विकास हो जायेगा, ओर कैसे होगा ये बात उन्होंने गोली लगने के एक दिन पहले ही लिख दी थी,आज म्हारे देश में अमीर ओर गरीब की खाई बढती जा रही सै,अमीर ओर अमीर होता जा रह्या सै, गरीब ओर गरीब होता जा रह्या सै,मरण तो म्हारे जैसे लोगों का ही हो रह्या सै,आज भी देश में कई करोड़ ऐसे सै जिनने खाने को दाना नही मिल पाता, देश नै आजाद हुए ६३ साल हो चुके पण ये नेता अपना ही घर भरने में लग रहे सै,गरीब की तो कोई चिंता ही नही सै,सरकार में इसे -इसे मंत्री सै जो एक दिन रहने के लिए एक लाख रुपया खर्च कर रहे सै ओर यहाँ गरीब की झोपडी में दिया जलाने के लीये भी तेल कोणी,बड़े शरम की बात सै, जो हवाई जहाज में जाये सै वो भी इनने भेड़ बकरी ही दिखे सै,म्हारे जैसे सड़क पे चलने वाले तो इनने दीखते ही कोणी होंगे,ओर ये म्हारे देश के कर्णधार सै,यो देश नै किसा चलावेंगे? आज जरुरत सै देश ने गाँधी जी जैसी सोच के आदमी की आज जरुरत सै देश ने लाल बहादुर शास्त्री जैसी सोच के आदमी की,जो गरीबों का दुःख दर्द समझ सके,भाईयों मै कोई नेता तो नही सूं पण जो मेरे मन में आया आपने कह दिया,अपने रिटायर हवालदार फौजी ताऊ मनफूल सिंग जी सच्चे-इमानदार ओर मेहनतकश मनमौजी किसम के आदमी सै,इनने मेरे ते ज्यादा तो आप ही जानते हो, मै तो इतनी कहने आया हूँ इनको कप प्लेट छाप पे बटन दबा के जिताओ, ये आपको खूब सेवा करेंगे,सेवा करना तो इनका पेशा ही सै पहले तो फौज में देश की सेवा करी फेर रिटायर होके गावं की सेवा कर रहे सै,इब आप जीता दोगे तो पुरे हलके की सेवा करेंगे,मेरी तो आपसे यो ही विनती सै, बड़े बड़े पैसे वाले लोग ताऊ के सामने खड़े सै वो आपने बहकाने की कोशिश करेंगे वोट खरीदने की कोशिश करेंगे पण आप लोग इन लोकतंत्र के लुटेरों के चंगुल में मत फंस जाणा ओर अपने ताऊ को ही वोट देना,आप सब नै धन्यवाद जो आपने इतना प्यार ओर आशीर्वाद मुझे दिया,मै आपका आभारी सूं फेर मिलेंगे, एक बर ताऊ नै जिताओ,आप सबने मेरी राम-राम.
(कल ताऊ नै उड़न तश्तरी के सुवागत मै अपने टुबबेल पे एक पार्टी रखी सै,उसका आँखों देखा हाल आपको कल सुनावेंगे,सबको राम-राम)

 

फ़ौजी ताऊ की फ़ौज