ताऊ - बता रमलू
"वो ललित वाणी पे चरक संहिता का प्रवचन चाल रह्या सै, एक दिन अपनी चौपाल पे भी करवा दे, क्यूँ की हरियाणे में दूध,दही, घी का ही तो मामला सै"
"हाँ यो तो घणी सुथरी बात कही, चाल बुला पंडत जी, ओर करा दे."
"तो आज शाम की चौपाल में पक्की -दूध पे प्रवचन होगा"
तो भाई लोगो सुण ल्यो आज ताऊ कि विशेष मांग पे चरक संहिता का एक प्रवचन चौपाल पे सै, लाभ उठाओ"
गतांक से आगे...................
अत: क्षिराणी वक्ष्यन्ते कर्म चैवां गुणाश्च ये
अविक्षीरमजाक्षीरं गोक्षीरम माहिषम च यत.(११५)
दूधों के गुण - अब दूधों का वर्णन किया जायेगा.उनके कार्य उपयोग एवं गुण कहे जायेंगे.
दूध के प्रकार
- भेड़ का दूध
- बकरी का दूध
- गौ का दूध
- भैंस का दूध
- ऊंटनी का दूध
- हस्तिनी का दूध
- घोडी का दूध
- मानवी (नारी) का दूध
योनी के दोष, वीर्य के दोष, मूत्र के रोग. प्रदर के रोग, मल की गांठें (सुदे) पड़ जाने पर, वात एवं पित्त रोगियों को दूध पथ्य है. नस्य (नाक से लेने), लेप करने, स्नान करने, वमन, और आस्थापन(निरुह वस्ति लेने), विरेचन और स्नेहन लेने आदि प्राय: सब कार्यों में दूध का उपयोग किया जाता है. इनके पान करने के गुण विस्तार में आगे कहेंगे. प्राय: सभी दूध मधुर हैं. ऊंटनी का दूध कुछ नमकीन होता है, बकरी का दूध कसैला होता है, ऊंट का दूध कुछ रूखा और गरम होता है.मनस्कर अर्थात प्रभाव में ओज बढ़ाने से मन का सामर्थ्य बढ़ जाता है. रक्त पित्त में बकरी के दूध को पॉँच गुना पानी में देने का विधान है.
भाइयों थमने यो किसा लाग्या प्रवचन,बतईयों
आपने रमलू लुहार की राम-राम
2 टिप्पणियां:
प्रवचन तो बड़ा ज्ञानवर्धक और जानकारीपूर्ण रहा..ताऊ!!
gyan vardhak hai aapka lekh..lekin ek baat samajh nahii aayii..
ऊंटनी का दूध कुछ नमकीन होता है, बकरी का दूध कसैला होता है, ऊंट का दूध कुछ रूखा और गरम होता है
....
aapne likha hai ki ऊंटनी का दूध कुछ नमकीन होता है
or
ऊंट का दूध कुछ रूखा और गरम होता है
mhare yahan to sirf ऊंटनी hii doodh deti hai ,....
ऊंट ka doodh ?
well nice blog
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